पारिवारिक परामर्शदाताओं के लिए नवीनतम शोध रुझान: अनदेखा किया तो नुकसान!

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आजकल परिवार परामर्श के क्षेत्र में बहुत तेजी से बदलाव आ रहा है। बदलते सामाजिक मूल्यों, तकनीकी प्रगति और वैश्विक महामारी के प्रभावों ने परिवारों के सामने नई चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं। एक परिवार परामर्शदाता के तौर पर, यह जानना बेहद जरूरी है कि नवीनतम शोध क्या कह रहे हैं और भविष्य में इस क्षेत्र में क्या बदलाव आने की संभावना है। मैंने खुद कई परिवारों के साथ काम करते हुए यह महसूस किया है कि पारंपरिक तरीके अब हमेशा कारगर नहीं होते। नए तरीकों और तकनीकों को अपनाना ही आगे बढ़ने का रास्ता है। इसलिए, आज हम परिवार परामर्श में नवीनतम रुझानों और मुद्दों पर बात करेंगे ताकि आप अपने ज्ञान को अपडेट रख सकें और अपने ग्राहकों को बेहतर सेवा प्रदान कर सकें।तो चलिए, इस बारे में सटीक जानकारी प्राप्त करते हैं!

आजकल परिवार परामर्श के क्षेत्र में बहुत तेजी से बदलाव आ रहा है। बदलते सामाजिक मूल्यों, तकनीकी प्रगति और वैश्विक महामारी के प्रभावों ने परिवारों के सामने नई चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं। एक परिवार परामर्शदाता के तौर पर, यह जानना बेहद जरूरी है कि नवीनतम शोध क्या कह रहे हैं और भविष्य में इस क्षेत्र में क्या बदलाव आने की संभावना है। मैंने खुद कई परिवारों के साथ काम करते हुए यह महसूस किया है कि पारंपरिक तरीके अब हमेशा कारगर नहीं होते। नए तरीकों और तकनीकों को अपनाना ही आगे बढ़ने का रास्ता है। इसलिए, आज हम परिवार परामर्श में नवीनतम रुझानों और मुद्दों पर बात करेंगे ताकि आप अपने ज्ञान को अपडेट रख सकें और अपने ग्राहकों को बेहतर सेवा प्रदान कर सकें।तो चलिए, इस बारे में सटीक जानकारी प्राप्त करते हैं!

पारिवारिक लचीलापन: चुनौतियों का सामना करने की क्षमता

पारिवारिक लचीलापन एक ऐसा विषय है जिस पर आजकल काफी ध्यान दिया जा रहा है। यह परिवारों की क्षमता है कि वे तनावपूर्ण परिस्थितियों, संकटों और बदलावों का सामना कैसे करते हैं और उनसे कैसे उबरते हैं। मैंने देखा है कि जिन परिवारों में लचीलापन अधिक होता है, वे मुश्किल समय में भी एक साथ बने रहते हैं और समस्याओं का समाधान ढूंढ लेते हैं।

1. लचीलापन को बढ़ावा देने वाले कारक

लचीलापन को बढ़ावा देने वाले कारकों में मजबूत संचार, आपसी सहयोग, सकारात्मक दृष्टिकोण और समस्याओं को हल करने की क्षमता शामिल हैं। जब परिवार के सदस्य एक दूसरे के साथ खुलकर बात करते हैं, एक दूसरे का समर्थन करते हैं, और सकारात्मक रहते हैं, तो वे किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए बेहतर ढंग से तैयार होते हैं। उदाहरण के लिए, यदि किसी परिवार में किसी सदस्य को नौकरी छूट जाती है, तो लचीला परिवार एक साथ मिलकर नई नौकरी खोजने, वित्तीय योजना बनाने और भावनात्मक समर्थन प्रदान करने में मदद करेगा।

2. लचीलापन विकसित करने के लिए रणनीतियाँ

पारिवारिक लचीलापन विकसित करने के लिए कुछ रणनीतियाँ हैं जिन्हें अपनाया जा सकता है। इनमें शामिल हैं:

  • परिवार के सदस्यों के बीच संवाद को बढ़ावा देना।
  • समस्याओं को हल करने के कौशल को सिखाना और अभ्यास करना।
  • सकारात्मक दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करना।
  • आपसी सहयोग और समर्थन को बढ़ावा देना।
  • तनाव प्रबंधन तकनीकों को सिखाना।

3. लचीलापन का आकलन

परिवार परामर्शदाता के रूप में, आप पारिवारिक लचीलापन का आकलन करने के लिए विभिन्न उपकरणों और तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं। इनमें पारिवारिक लचीलापन आकलन स्केल (Family Resilience Assessment Scale) और पारिवारिक संकट उन्मुखीकरण स्केल (Family Crisis Oriented Personal Evaluation Scales) शामिल हैं। इन उपकरणों का उपयोग करके, आप परिवार की ताकत और कमजोरियों की पहचान कर सकते हैं और उन्हें लचीलापन विकसित करने में मदद कर सकते हैं।

तकनीक और डिजिटल युग में परिवार परामर्श

आजकल तकनीक हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन गई है, और परिवार परामर्श भी इससे अछूता नहीं है। ऑनलाइन परामर्श, वर्चुअल रियलिटी (VR) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी तकनीकों का उपयोग परिवार परामर्श में तेजी से बढ़ रहा है।

1. ऑनलाइन परामर्श के लाभ और चुनौतियाँ

ऑनलाइन परामर्श परिवारों को सुविधा और पहुंच प्रदान करता है। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जो दूरदराज के क्षेत्रों में रहते हैं या जिनके पास समय की कमी है। ऑनलाइन परामर्श के माध्यम से, परिवार अपने घरों के आराम से परामर्श सत्र में भाग ले सकते हैं। हालांकि, ऑनलाइन परामर्श की कुछ चुनौतियाँ भी हैं, जैसे कि तकनीकी समस्याएं, गोपनीयता चिंताएं और व्यक्तिगत संपर्क की कमी।

2. वर्चुअल रियलिटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग

वर्चुअल रियलिटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस परिवार परामर्श में नए अवसर प्रदान करते हैं। VR का उपयोग परिवारों को सिमुलेशन में विभिन्न परिस्थितियों का अनुभव करने और उनसे निपटने के तरीके सीखने में मदद करने के लिए किया जा सकता है। AI का उपयोग परामर्श प्रक्रिया को स्वचालित करने, डेटा का विश्लेषण करने और व्यक्तिगत सलाह प्रदान करने के लिए किया जा सकता है।

3. डिजिटल युग में गोपनीयता और नैतिकता

डिजिटल युग में गोपनीयता और नैतिकता परिवार परामर्श में महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। परामर्शदाताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे अपने ग्राहकों की गोपनीयता की रक्षा करें और नैतिक मानकों का पालन करें। उन्हें ऑनलाइन सुरक्षा प्रोटोकॉल का उपयोग करना चाहिए, डेटा एन्क्रिप्शन का उपयोग करना चाहिए और अपने ग्राहकों को ऑनलाइन परामर्श के जोखिमों और लाभों के बारे में सूचित करना चाहिए।

सांस्कृतिक संवेदनशीलता और विविधता

परिवार परामर्श में सांस्कृतिक संवेदनशीलता और विविधता का महत्व बढ़ रहा है। विभिन्न संस्कृतियों, जातीयताओं, धर्मों और यौन अभिविन्यासों के परिवारों के साथ काम करते समय, परामर्शदाताओं को सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील और समावेशी होना चाहिए।

1. सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील दृष्टिकोण

सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील दृष्टिकोण का अर्थ है कि परामर्शदाता अपने ग्राहकों की सांस्कृतिक पृष्ठभूमि, मूल्यों और विश्वासों को समझते हैं और उनका सम्मान करते हैं। उन्हें यह भी जानना चाहिए कि सांस्कृतिक कारक पारिवारिक गतिशीलता, संचार शैली और समस्या समाधान को कैसे प्रभावित कर सकते हैं।

2. विविधता और समावेशन को बढ़ावा देना

परामर्शदाताओं को अपनी प्रथाओं में विविधता और समावेशन को बढ़ावा देना चाहिए। इसका अर्थ है कि वे विभिन्न पृष्ठभूमि के ग्राहकों का स्वागत करते हैं, भेदभाव से बचते हैं और सभी ग्राहकों को समान अवसर प्रदान करते हैं।

3. सांस्कृतिक क्षमता का विकास

सांस्कृतिक क्षमता विकसित करने के लिए, परामर्शदाताओं को सांस्कृतिक संवेदनशीलता प्रशिक्षण में भाग लेना चाहिए, विभिन्न संस्कृतियों के बारे में पढ़ना चाहिए और विभिन्न सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के लोगों के साथ बातचीत करनी चाहिए। उन्हें अपनी स्वयं की सांस्कृतिक मान्यताओं और पूर्वाग्रहों के बारे में भी जागरूक होना चाहिए।

आघात-सूचित देखभाल (Trauma-Informed Care)

आघात-सूचित देखभाल एक ऐसा दृष्टिकोण है जो यह मानता है कि कई परिवारों ने आघात का अनुभव किया है और यह आघात उनके जीवन को कैसे प्रभावित करता है। आघात-सूचित देखभाल का लक्ष्य परिवारों को सुरक्षित, सहायक और सशक्त महसूस कराना है।

1. आघात के प्रभाव को समझना

परामर्शदाताओं को आघात के प्रभाव को समझना चाहिए। आघात बच्चों और वयस्कों दोनों के शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। आघात के लक्षणों में चिंता, अवसाद, PTSD, संबंध समस्याएं और व्यवहार संबंधी समस्याएं शामिल हो सकती हैं।

2. आघात-सूचित अभ्यास

आघात-सूचित अभ्यास में शामिल हैं:

  • सुरक्षा और भरोसे का माहौल बनाना।
  • पीड़ितों को सशक्त बनाना और उन्हें विकल्प प्रदान करना।
  • संसाधनों और समर्थन तक पहुंच प्रदान करना।
  • आघात के लक्षणों को समझना और उनका जवाब देना।

3. आत्म-देखभाल और परामर्शदाता लचीलापन

आघात-सूचित देखभाल में काम करने वाले परामर्शदाताओं को अपनी आत्म-देखभाल पर ध्यान देना चाहिए। आघात पीड़ितों के साथ काम करना भावनात्मक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है, इसलिए परामर्शदाताओं को अपनी भावनात्मक और शारीरिक भलाई का ध्यान रखना चाहिए। उन्हें समर्थन समूहों में भाग लेना चाहिए, पर्यवेक्षण प्राप्त करना चाहिए और तनाव प्रबंधन तकनीकों का अभ्यास करना चाहिए।

संबंधों में बेवफाई (Infidelity) और विश्वासघात

संबंधों में बेवफाई और विश्वासघात परिवार परामर्श में एक आम मुद्दा है। बेवफाई का पता चलने पर परिवार में विश्वास टूट जाता है और भावनात्मक उथल-पुथल मच जाती है। परामर्शदाताओं को बेवफाई से निपटने वाले परिवारों का समर्थन करने और उन्हें विश्वास को फिर से बनाने में मदद करने के लिए तैयार रहना चाहिए।

1. बेवफाई के कारण और प्रभाव

बेवफाई के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें भावनात्मक दूरी, असंतुष्टि, अवसर और व्यक्तिगत मुद्दे शामिल हैं। बेवफाई का पता चलने पर परिवार के सदस्यों में गुस्सा, दुख, निराशा और विश्वासघात की भावनाएं पैदा हो सकती हैं।

2. विश्वास को फिर से बनाने की प्रक्रिया

विश्वास को फिर से बनाने की प्रक्रिया लंबी और चुनौतीपूर्ण हो सकती है। इसमें ईमानदारी, पारदर्शिता, जिम्मेदारी और क्षमा शामिल है। परामर्शदाताओं को जोड़े को संवाद करने, अपनी भावनाओं को व्यक्त करने और एक दूसरे की जरूरतों को समझने में मदद करनी चाहिए।

3. माफ़ी और सुलह

माफ़ी और सुलह बेवफाई से उबरने की प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। माफ़ी का अर्थ है कि चोट पहुंचाने वाले व्यक्ति को माफ करना और अतीत को जाने देना। सुलह का अर्थ है कि रिश्ते को फिर से बनाना और आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध होना।

तलाक और सह-पालन (Co-Parenting)

तलाक और सह-पालन परिवार परामर्श में एक और आम मुद्दा है। तलाक बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए एक तनावपूर्ण और दर्दनाक अनुभव हो सकता है। सह-पालन का अर्थ है कि तलाक के बाद माता-पिता मिलकर अपने बच्चों की देखभाल और परवरिश करते हैं।

1. तलाक के बच्चों पर प्रभाव

तलाक बच्चों के शारीरिक, भावनात्मक और शैक्षणिक विकास को प्रभावित कर सकता है। तलाक के बच्चों में चिंता, अवसाद, व्यवहार संबंधी समस्याएं और शैक्षणिक प्रदर्शन में गिरावट का खतरा अधिक होता है।

2. प्रभावी सह-पालन रणनीतियाँ

प्रभावी सह-पालन रणनीतियों में शामिल हैं:

  • बच्चों को माता-पिता के बीच संघर्ष से बचाना।
  • संचार को खुला और सम्मानजनक रखना।
  • बच्चों की जरूरतों को प्राथमिकता देना।
  • नियमों और अपेक्षाओं में संगति बनाए रखना।

3. मध्यस्थता और कानूनी मुद्दे

मध्यस्थता और कानूनी मुद्दे तलाक और सह-पालन के महत्वपूर्ण पहलू हैं। मध्यस्थता एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक तटस्थ तीसरा पक्ष माता-पिता को संपत्ति, हिरासत और समर्थन जैसे मुद्दों पर समझौता करने में मदद करता है। कानूनी मुद्दों में तलाक की कार्यवाही, हिरासत आदेश और समर्थन आदेश शामिल हैं।

वृद्ध वयस्कों और उनके परिवारों के लिए परामर्श

वृद्ध वयस्कों और उनके परिवारों के लिए परामर्श एक बढ़ता हुआ क्षेत्र है। वृद्ध वयस्कों को उम्र बढ़ने, स्वास्थ्य समस्याओं, अलगाव और शोक जैसी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। उनके परिवारों को उनकी देखभाल करने और उनका समर्थन करने में कठिनाई हो सकती है।

1. उम्र बढ़ने से संबंधित मुद्दे

उम्र बढ़ने से संबंधित मुद्दों में शामिल हैं:

  • शारीरिक स्वास्थ्य समस्याएं
  • मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं
  • संज्ञानात्मक गिरावट
  • सामाजिक अलगाव
  • वित्तीय चिंताएं

2. परिवार की देखभालकर्ता भूमिका

परिवार की देखभालकर्ता भूमिका चुनौतीपूर्ण और तनावपूर्ण हो सकती है। देखभालकर्ताओं को समय, ऊर्जा और वित्तीय संसाधनों की कमी का सामना करना पड़ सकता है। उन्हें अपने प्रियजनों की देखभाल करने और अपनी स्वयं की जरूरतों को पूरा करने के बीच संतुलन बनाए रखने में कठिनाई हो सकती है।

3. संसाधन और समर्थन

वृद्ध वयस्कों और उनके परिवारों के लिए कई संसाधन और समर्थन उपलब्ध हैं। इनमें वरिष्ठ केंद्र, होम हेल्थ एजेंसियां, वयस्क डे केयर सेंटर और सहायक रहने की सुविधाएं शामिल हैं। परामर्शदाता परिवारों को इन संसाधनों तक पहुंचने और उनका लाभ उठाने में मदद कर सकते हैं।

विषय मुख्य रुझान परामर्श के लिए निहितार्थ
पारिवारिक लचीलापन तनाव का सामना करने की क्षमता, सकारात्मक दृष्टिकोण लचीलापन को बढ़ावा देने, रणनीतियों को विकसित करने में मदद करना
तकनीक और डिजिटल युग ऑनलाइन परामर्श, वीआर, एआई का उपयोग गोपनीयता, नैतिकता, डिजिटल उपकरणों का उपयोग सीखना
सांस्कृतिक संवेदनशीलता विविध संस्कृतियों का सम्मान, समावेशी दृष्टिकोण सांस्कृतिक क्षमता का विकास, पूर्वाग्रहों से बचना
आघात-सूचित देखभाल आघात के प्रभाव को समझना, सुरक्षित वातावरण बनाना आघात पीड़ितों को सशक्त बनाना, आत्म-देखभाल पर ध्यान देना

आज के इस लेख में, हमने परिवार परामर्श में नवीनतम रुझानों और मुद्दों पर विचार किया। पारिवारिक लचीलापन, तकनीक का उपयोग, सांस्कृतिक संवेदनशीलता और आघात-सूचित देखभाल जैसे विषयों पर चर्चा करके, मुझे उम्मीद है कि आपको अपने परामर्श अभ्यास को बेहतर बनाने और अपने ग्राहकों को बेहतर सेवा प्रदान करने में मदद मिलेगी। याद रखें, परिवार परामर्श का क्षेत्र लगातार विकसित हो रहा है, इसलिए हमेशा सीखने और अनुकूलन करने के लिए तैयार रहें।

निष्कर्ष

परिवार परामर्श एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जो परिवारों को उनकी चुनौतियों का सामना करने और स्वस्थ संबंधों को बढ़ावा देने में मदद करता है। नवीनतम रुझानों और मुद्दों के बारे में जानकार रहकर, आप अपने ग्राहकों को सर्वोत्तम संभव देखभाल प्रदान कर सकते हैं।

तकनीक और डिजिटल युग में परिवार परामर्श के नए अवसरों का उपयोग करें, लेकिन गोपनीयता और नैतिकता के बारे में सावधान रहें।

सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील और समावेशी बनें, और विभिन्न पृष्ठभूमि के परिवारों के साथ काम करने के लिए तैयार रहें।

आघात-सूचित देखभाल का दृष्टिकोण अपनाएं और आघात पीड़ितों को सुरक्षित और सहायक वातावरण प्रदान करें।

हमेशा सीखने और बढ़ने के लिए तैयार रहें, और अपने ग्राहकों को सर्वोत्तम संभव देखभाल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध रहें।

जानने योग्य उपयोगी जानकारी

1. परिवार परामर्श में प्रमाणन प्राप्त करने के लिए, आप विभिन्न पेशेवर संगठनों द्वारा प्रदान किए जाने वाले पाठ्यक्रमों में भाग ले सकते हैं।

2. ऑनलाइन परामर्श के लिए, आप सुरक्षित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग कर सकते हैं और अपने ग्राहकों की गोपनीयता की रक्षा के लिए आवश्यक सुरक्षा उपाय कर सकते हैं।

3. सांस्कृतिक संवेदनशीलता विकसित करने के लिए, आप विभिन्न संस्कृतियों के बारे में पढ़ना, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेना और विभिन्न सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के लोगों के साथ बातचीत करना शुरू कर सकते हैं।

4. आघात-सूचित देखभाल के बारे में अधिक जानने के लिए, आप विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों और कार्यशालाओं में भाग ले सकते हैं।

5. वृद्ध वयस्कों और उनके परिवारों के लिए परामर्श प्रदान करते समय, आप उनकी शारीरिक, भावनात्मक और सामाजिक जरूरतों को ध्यान में रखें और उन्हें उचित संसाधन और समर्थन प्रदान करें।

महत्वपूर्ण बातों का सारांश

पारिवारिक लचीलापन: मजबूत संचार, आपसी सहयोग और सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा दें।

तकनीक: ऑनलाइन परामर्श और अन्य डिजिटल उपकरणों का उपयोग करें, लेकिन गोपनीयता और नैतिकता के बारे में सावधान रहें।

सांस्कृतिक संवेदनशीलता: विभिन्न संस्कृतियों का सम्मान करें और समावेशी दृष्टिकोण अपनाएं।

आघात-सूचित देखभाल: आघात के प्रभाव को समझें और सुरक्षित वातावरण बनाएं।

बेवफाई और विश्वासघात: जोड़ों को संवाद करने और विश्वास को फिर से बनाने में मदद करें।

तलाक और सह-पालन: बच्चों को माता-पिता के बीच संघर्ष से बचाएं और प्रभावी सह-पालन रणनीतियों को बढ़ावा दें।

वृद्ध वयस्क: उम्र बढ़ने से संबंधित मुद्दों का समाधान करें और परिवारों को सहायता प्रदान करें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ) 📖

प्र: परिवार परामर्श में नवीनतम रुझान क्या हैं?

उ: मैंने देखा है कि आजकल ऑनलाइन परामर्श, संकटकालीन परामर्श और सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील परामर्श बहुत लोकप्रिय हो रहे हैं। कई परिवार तकनीकी विकास के कारण ऑनलाइन परामर्श को पसंद करते हैं, क्योंकि यह सुविधाजनक और सुलभ है। संकटकालीन परामर्श उन परिवारों के लिए महत्वपूर्ण है जो तत्काल समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जैसे कि घरेलू हिंसा या बच्चों से संबंधित मुद्दे। इसके अलावा, विभिन्न सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के परिवारों को समझने के लिए सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील परामर्श भी बहुत जरूरी हो गया है। मुझे याद है एक बार मैंने एक ऐसे परिवार के साथ काम किया जो भारत से आया था, और उनकी संस्कृति को समझकर ही मैं उनकी मदद कर पाया।

प्र: परिवार परामर्श में नैतिक मुद्दे क्या हैं?

उ: परिवार परामर्श में कई नैतिक मुद्दे होते हैं, जैसे गोपनीयता, द्वैत संबंध और सूचित सहमति। गोपनीयता का मतलब है कि आपको अपने ग्राहकों की जानकारी को सुरक्षित रखना चाहिए और उनकी अनुमति के बिना किसी को भी नहीं बताना चाहिए। द्वैत संबंध तब होते हैं जब आपका अपने ग्राहक के साथ एक से अधिक संबंध होता है, जैसे कि दोस्त या व्यापारिक भागीदार। इससे हितों का टकराव हो सकता है और आपको अपने ग्राहक के प्रति निष्पक्ष रहने में मुश्किल हो सकती है। सूचित सहमति का मतलब है कि आपको अपने ग्राहकों को परामर्श की प्रकृति, जोखिमों और लाभों के बारे में बताना चाहिए और उन्हें यह तय करने की अनुमति देनी चाहिए कि वे परामर्श में भाग लेना चाहते हैं या नहीं। मैंने एक बार एक ऐसे मामले का सामना किया जहाँ एक पति ने मुझे अपनी पत्नी के बारे में जानकारी दी, लेकिन उसने मुझे यह जानकारी पत्नी को बताने की अनुमति नहीं दी। यह एक बहुत ही मुश्किल स्थिति थी, और मुझे यह सुनिश्चित करना था कि मैं दोनों के प्रति निष्पक्ष रहूँ।

प्र: परिवार परामर्श के भविष्य के लिए क्या संभावनाएं हैं?

उ: मुझे लगता है कि परिवार परामर्श का भविष्य बहुत उज्ज्वल है। तकनीकी विकास और सामाजिक परिवर्तनों के कारण, परिवारों को पहले से कहीं अधिक मदद की जरूरत है। ऑनलाइन परामर्श और अन्य नए तरीकों के माध्यम से, हम अधिक से अधिक लोगों तक पहुँच सकते हैं। इसके अलावा, परिवार परामर्श के क्षेत्र में शोध और शिक्षा में वृद्धि हो रही है, जिसका मतलब है कि हम बेहतर तरीके से समझ रहे हैं कि परिवारों की मदद कैसे करें। मैंने देखा है कि जो युवा परामर्शदाता प्रशिक्षण ले रहे हैं, वे तकनीक-प्रेमी हैं और नए विचारों के लिए खुले हैं। मुझे विश्वास है कि वे परिवार परामर्श के भविष्य को आकार देंगे।